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Saturday, August 4, 2012

बन्दर बन्दर और सिर्फ बन्दर!!!

    तुम्हारा इन्तजार करते हुए सब कुछ मजे में चल रहा था कि हमारे वहां बन्दर आने लगे.बन्दर बन्दर और सिर्फ बन्दर!!! जिससे कि बहार आना जाना, खिड़कियाँ खोलना सब कुछ मुस्किल हो गया यहाँ तक कि तुम्हारा चाचा वन्हे करंट देने को भी तैयार हो गया.ये मम्मा के लिए बहुत मुश्किल सा था तो पापा को इस के लिए मन किया गया. आजकल तुम्हारा चाचा गाड़ी सिख रहा है तो पापा छुट्टी के दिन उसे सिखाने जाते हैं.एक दिन जब दोनों लोग नहीं थे तो बन्दर मम्मा के हाथ से करछी ही छीन ले गया.तो अब सब खिडकियों में जालियां लगायीं गयी जिससे थोडा कुछ रहत सी मिली. अब तुम्हारे आने का भी कुछ कम ही समय बचा है बस बीस दिन और तो घर बदला भी नहीं जा सकता क्यूंकि यहाँ से हॉस्पिटल बहुत नजदीक है.